गिरफ्त में नौकरी और कैशबैक के नाम पर ठगी करने वाले -गाजियाबाद से 2 आरोपियों को गिरफ्तार कर उज्जैन लाई राज्य सायबर सेल

उज्जैन। बिजली विभाग के सेवानिवृत्त इंजीनियर और एल एंड टी कंपनी में नौकरी दिलाने के नाम पर युवक के साथ लाखों की धोखाधड़ी में शामिल 2 आरोपियों को राज्य सायबर सेल की टीम गाजियाबाद उत्तरप्रदेश से गिरफ्तार कर उज्जैन लाई है। आरोपियों के साथी पूर्व में गिरफ्तार हो चुके थे।
राज्य सायबर सेल निरीक्षक अमित परिहार ने बताया कि वर्ष 2023 में बिजली विभाग से सेवानिवृत्त त्रषिनगर निवासी के. एल. मलिक के पास कॉल आया था और बताया था कि क्रेडिट कार्ड और बैंक खाते पर रिवार्ड पाइंट के साथ कैशबैंक दिया जा रहा है। कॉल करने वाले ने बैंक और के्रडिट कार्ड संबंधित पूरी जानकारी लेने के बाद ओटीपी प्राप्त कर एचडीएफसी बैंक के क्रेडिट कार्ड से 2 बार में 50 हजार का आॅनलाइन ट्रांजेक्शन कर लिया। वहीं क्रेडिट कार्ड की लिमिट का पता कर 5.97 लाख का लोन प्राप्त कर  ठगी कर ली। मामले में सेवानिवृत्त इंजीनियर की शिकायत पर प्रकरण दर्ज कर जांच में लिया गया था। तकनीकी साक्ष्यों के आधार पर एक टीम एसआई जितेंद्रसिंह सोलंकी, एएसआई प्रवीणसिंह पंवार, हरेन्द्रसिंह राठौर को उत्तरप्रदेश के गाजियाबद रवाना किया गया। 5 दिनों तक नई दिल्ली एनसीआर, गुडगांव (हरियाणा), गाजियाबाद (उत्तरप्रदेश) में आरोपी की तलाश की गई और जिस खाते में ठगी गई राशि का ट्रांजेक्शन हुआ था उस खाताधारक आलम पिता मोहम्मद असमल निवासी दौलतनगर गाजियाबाद को गिरफ्तार कर उज्जैन लाया गया। निरीक्षक परिहार के अनुसार पूर्व में ठगी में शामिल रहे 4 आरोपियों को गिरफ्तार किया जा चुका था।
2.44 लाख लेने के बाद लिया था इंटरव्यू
निरीक्षक अमित परिहार के अनुसार ठगी एक मामला सांईबाग कालोनी देवासरोड पर रहने वाले नितेश पारस ने वर्ष 2024 में शिकायत दर्ज कर बताया था कि उसे एल एंड टी कम्पनी में नौकरी के लिये कॉल प्राप्त हुआ था। उससे रजिट्रेशन, इंटरव्यू के नाम पर शुल्क की मांग की गई। नितेश कॉल करने वाले की बातों में आ गया और नौकरी के लालच में अलग-अलग बैंक खातों में 2.44 लाख रूपयों को ट्रांजेक्शन कर दिया। ठग ने राशि प्राप्त करने के बाद टेलिफोनिक इंटरव्यू लिया। लेकिन महिनों गुजर जाने के बाद भी नितेश को नौकरी नहीं मिली तो उसे ठगी का आभास हुआ। उक्त मामले में प्रकरण दर्ज कर जांच शुरू की गई थी। साक्ष्य मिलने के बाद एक टीम प्रधान आरक्षक कमलाकर उपाध्याय, आरक्षक कमल सिंह वरकडे, प्रदीप यादव, सुनिल पंवार, महिलाआरक्षक रजनी निंगवाल की उत्तरप्रदेश पहुंची और मुख्य आरोपी आदित्य यादव को गिरफ्तार कर उज्जैन लाई। आरोपी बेरोजगार युवको को नौकरी के नाम पर ठगी करने का काम करता था और अपने रिश्तेदारो के बैंक खाते का उपयोग ठगी के लिए करता था।

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